आजमगढ़ के इटौरा स्थित मंडलीय जिला कारागार में रविवार की सुबह उत्तर प्रदेश के कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने पहुंचकर यहां की व्यवस्था की जांच की। कैदियों को मिलने वाली सुविधा का जायजा लिया। इसके बाद कैदियों के साथ बैठकर उनसे संवाद भी किया। उनको समाज की मुख्य धारा में एक बार फिर से जुड़ने के लिए अपराध छोड़ने का संकल्प भी दिलाया।
कारागार मंत्री ने कैदियों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा और किस कारण वह जेल में बंद हैं। इसकी जानकारी ली। कहा कि उनकी एक गलती के चलते उनके साथ ही उनका परिवार समाज से कट जाता है। बाहर आकर मीडिया से बातचीत में कारागार मंत्री ने बताया कि उन्होंने चेकिंग में पाया है कि ज्यादातर कैदी 40 वर्ष से कम उम्र के होते हैं। कम से कम वह अपने परिवार का भविष्य तो होते ही हैं। एक बार जेल जाने के बाद कोई भी उनके परिवार से संबंध नहीं रखना चाहता है। इसका एहसास उन कैदियों को कराया गया। इसके साथ ही कैदियों को कौशल विकास मिशन से भी जोड़ा जा रहा है। क्योंकि न्यायालय की प्रक्रिया से बाहर आने के बाद कोई जल्दी उनको नौकरी नहीं देता है। इसलिए कौशल विकास मिशन से प्रशिक्षण प्राप्त कर वह स्व रोजगार कर सकते हैं।