आजमगढ़ एक भी बिल्डर पंजीकृत नहीं फिर भी बस गई 12 से अधिक अवैध कालोनियां, जनपद में अवैध प्लाट बेचने वालों पर नहीं हो रही कार्रवाई

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आजमगढ़ नई महायोजना 2031 लागू हो चुकी है, इसके बाद भी जिले में अब तक अवैध फ्लॉट बेचने वालों पर लगाम नहीं लग रही है। इनके द्वारा पूर्व में बसाई गई अवैध कालोनियों को प्रशासन वैध नहीं कर सका है वहीं अब इन्होंने नई अवैध कालोनियां बसाने की तैयारी शुरू कर दी है। जनपद में अभी तक एक भी बिल्डर पंजीकृत नहीं है। इसके बाद भी जिले में बिल्डरों द्वारा एक दर्जन से अधिक कालोनियां बसा दी गई। नगर का कोई भी क्षेत्र हो हर तरफ प्लाटिंग नजर आती है।

जिसमें लोगों एक आशियाना बनाने का सपना पाले जमीन भी खरीदते हैं बाद भी उन्हें मानचित्र स्वीकृत कराने में परेशान होना पड़ता है। एडीए के गठन के बाद से ही जिले में अवैध कालोनाइजरों का जाल फैला है। इनके द्वारा नगर के पास लगभग एक दर्जन अवैध कालोनियां बसा दी गई। इनमें से ज्यादातर कालोनियां कृषि क्षेत्र में हैं। नई महायोजना 2031 के लागू होने के बाद जो कालोनियां आवासीय क्षेत्र में आ चुकी हैं उन क्षेत्रों के मानचित्र स्वीकृत किए जा रहे हैं। अभी जहां पूर्व में बसाई गई कालोनियां पूरी तरह से वैध नहीं हो सकी हैं। वही एक बार फिर से जिले में अवैध रूप से प्लाटिंग कर कालोनियों को बसाने की तैयारी तेज कर दी गई है।

सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह प्लाटिंग आम जन को सड़क से ही दिख जाती है, वह प्लाटिंग एडीए कर्मियों को नजर ही नहीं आती है। वहीं एडीए को अभी तक इस बात की भी जानकारी नहीं है कि जिले में कितनी अवैध कालोनियां बसी हैं। किसी भी बिल्डर को कालोनी बसाने से पहले उसका ले आउट एडीए से स्वीकृत कराना जरूरी होता है। एडीए द्वारा जो निर्धारित मानक है उन मानकों को पूरा करने पर ही किसी बिल्डर को कालोनी बसाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है। लेकिन जिले में बिल्डरों ने कालोनी तो बसा दी लेकिन न तो लेआउट पास कराया और न ही रास्तों के मानक और जल निकासी का प्रबंध किया।

प्रवीन श्रीवास्तव, एई एडीए ने बताया कि शिकायत मिली है कि सिधारी क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा अवैध प्लाटिंग कर जमीन की बिक्री जा रही है। जल्द ही इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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