उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भले ही दम भरते हो कि सरकारी अस्पतालो की हालत पहले से बेहतर हो गई है।लेकिन हकीकत से जब आप रूबरू होगे तो पता चल जायेगा कि सरकारी अस्पतालो की क्या दशा है। कुछ ऐसा ही नजारा आजमगढ़ जिला अस्पताल में देखने को मिला जहां आयुष्मान कार्ड धारक अपने ईलाज के लिए कई दिनो से भटक रहे है।
आपको बता दे की जिला अस्पताल पहुंची सुमन लता राय ने बताया कि कुछ दिनो पहले वह अपने बेटे के ईलाज के लिए अस्पताल आ रही थी, फिसलकर गिरने के कारण उनका हाथ टूट गया। उन्होने कहा कि उनके पास आयुष्मान कार्ड है। तो सोचा जिला अस्पताल चलकर ईलाज करा लूं, लेकिन यहां आने के बाद भर्ती तो कर लिया गया। लेकिन आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिल पा रहा है। डाक्टर कहते है कि सामान उपलब्ध नहीं है। कहीं और जाईए, तो वहीं उनके तिमारदार ने तो ईलाज के लिए डाक्टर पर पैसे मांगने का आरोप तक लगा दिया।अब जरा सोचिए जब जिला अस्पताल का यह हाल है तो और जगहो पर कैसे मरीजो का शोषण होता होगा।
तो वही जब इस मामले में जिला अस्पताल के एसआईसी डा0 एलजे यादव से पूछा गया तो वहीं गोल-मोल जवाब देते नजर आये, कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए, आयुष्मान कार्ड पर यहां ईलाज संभव है, मैं डाक्टर से बात करूंगा कि आखिर उन्होने ऐसा क्यो कहा। फिलहाल जो भी हो सरकार की मंशा पर कैसे पानी फेरा जाता है, सरकारी महकमें के लोगो की कार्यशैली से पता चल ही रहा है।