आजमगढ़ फर्जी पासपोर्ट के मामले में साढ़े 3 साल बंद कैदी को न्यायालय ने किया न्याय

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आजमगढ़ जिले में फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपित अफगानी नागरिक को दोष मुक्त कर तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। आदेश मिलते ही जेलर ने जिलाधिकारी,पुलिस अधीक्षक व एलआईयू को सूचना दी जिसके बाद आजमगढ़ कारागार छावनी में तब्दील हो गया जहां कड़ी सुरक्षा के बीच अफगानी युवक को आजमगढ़ पुलिस ने दिल्ली पुलिस को सुपुर्द कर दिया जहां भारतीय दूतावास के माध्यम से अफगानी युवक को उसके परिजनों को सौंपा जाएगा। यह फैसला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर 10 अनीता ने सुनाया है।बताते चलें कि 2 फरवरी 2020 को फूलपुर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक कृष्ण कुमार गुप्ता माहुल मोड़ से किरामत उल्ला अहमद जई निवासी लोंगर सेंटर प्रोविंस लोंगर अफगानिस्तान को गिरफ्तार किया था।

पुलिस का आरोप था कि यह अफगानी नागरिक साहिबे आलम के साथ पहले देखा गया था जिसे पुलिस ने कुछ दिन पूर्व फर्जी पासपोर्ट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची कि आरोपित किरामत उल्ला के विरुद्ध फर्जी पासपोर्ट बनाने व रखने का पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं है ऐसे में अदालत ने किरामत उल्ला अहमद को दोष मुक्त करते हुए तत्काल रिहा करने का आदेश दिया साथी विवेचना के दौरान की गई लापरवाही के लिए विवेचन कमला शंकर गिरी के विरुद्ध अनुशासन आत्मक कार्रवाई के लिए पुलिस महानिदेशक लखनऊ तथा पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ को निर्देशित किया है।

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