आजमगढ़ के कोतवाल का सावन के आखिरी सोमवार के दिन शिव गौरा के रूप में किया गया दिव्य श्रृंगार

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लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने किया दर्शन

आजमगढ़ में बाबा भंवरनाथ जी का मंदिर प्रसिद्ध और कई साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर की अलग मान्यता है। इस मंदिर में जो भी मन्नत मांगी जाती हैं। बाबा भवननाथ उसको जरूर पूरा करते हैं। बाबा भंवरनाथ मंदिर में रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन करते हैं। उसी के साथ बाबा भंवरनाथ मंदिर में हर दिन बाबा का दिव्य श्रृंगार किया जाता है। सावन में एक अनोखे रूप में श्रृंगार होता है।

बता दे कि इस साल सावन मलमास को लेकर 2 महीने था जिसमें 8 सोमवार पड़ा था। अगर हम श्रृंगार की बात करें सावन के हर सोमवार के दिन बाबा को अलग-अलग रूप में सजाया गया। कभी तिरुपति बालाजी के रूप में, कभी महाकाल के रूप में, कभी सरासर बालाजी के रूप में, कभी जगन्नाथ सरकार जी के रूप में, और सावन के आखरी सोमवार के दिन बाबा भंवरनाथ का श्रृंगार शिव गौरा के रूप में किया गया।

श्रृंगार होने के बाद बाबा को छप्पन भोग लगाया गया। और लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। दिव्य श्रृंगार होने के बाद आजमगढ़ के कोतवाल चर्चा में रहे। लोगों का कहना है कि हमने कभी सोचा नहीं था बाबा भवर नाथ जी का इतना अद्भुत श्रंगार होगा। इस श्रृंगार में श्रृंगार मंडली के लोग शामिल थे।

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