आजमगढ़ के पुरानी कोतवाली क्षेत्र के बिजली विभाग के उपभोक्ताओं द्वारा अधिशासी अधिकारी को लगातार ज्ञापन दिया जा रहा है। कि वहां पर नियुक्त किए गए संविदा कर्मचारियों जिनका काम वायरिंग चेक करना, वायरिंग खराब होने पर उन्हें सही करना है। उन्हें वहां से हटाकर किसी और क्षेत्र में नियुक्त किया जाए।
आपको बताते चलें कि एक तरफ जहां आजमगढ़ में बिजली व्यवस्था का हाल बदहाल है। तो वहीं दूसरी तरफ उपभोक्ता भी बिजली विभाग के कर्मचारी के भ्रष्टाचार व गोलमाल से अत्यधिक परेशान हैं। पुरानी कोतवाली पर रह रहे अधिकतर व्यापारी वर्ग के लोगो ने बीते दिनों अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन देते हुए यह शिकायत की, कि उनके क्षेत्र में नियुक्त कर्मचारी उनसे अवैध वसूली करते हैं।
जिनमें मुख्य नाम है। राम मिलन मौर्य व पवन कुमार गौतम उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया कि उनके पैसे लेने की कई सारे तरीके हैं। जैसे कि पुरानी कोतवाली क्षेत्र में अंडरग्राउंड केबल का कनेक्शन है। आए दिन इन कर्मचारियों द्वारा एम0 सी 0 बी0 गिरा दिया जाता है। या उसमे छेड़छाड़ किया जाता है। और फिर जब उपभोक्ता उनसे सही करने की को कहते हैं। तो कर्मचारी पैसे की डिमांड कर देते हैं। और जब पैसा दे दिया जाता है। तब वे आकर बिजली सही करते हैं।
यही नहीं उपभोक्ताओं ने यहां तक कि आरोप लगाया है। की यह कर्मचारी जिन उपभोक्ताओं की बिल अत्यधिक बकाए में चल रही है। उनसे कुछ पैसा लेकर जेई और एसडीओ से समझौता करवा देते हैं। उपभोक्ताओं का कहना है। कि इस पूरे मामले में जेई और एसडीओ की मिलीभगत है। जिसकी वजह से इन कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं हो रहा है।क्योंकि वह इस बात को जानते हैं। कि जब तक यह कर्मचारी वहां रहेंगे तब तक ऊपर से अधिकारी को भी मोटा पैसा आता रहेगा। उपभोक्ताओं ने बीते दिन अधिशासी अधिकारी को इसके खिलाफ ज्ञापन भी दिया जिसमें उन्होंने 2 कर्मचारी का नाम मुख्य रूप से सामने रखा तो वही चार अन्य कर्मचारी का नाम भी मिलीभगत में बताया है।
इन सबके बाद अधिशासी अधिकारी ने मेसर्स प्राइम वन वर्कफोर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को एक आवेदन पत्र लिखते हुए संबोधित किया कि संविदा कर्मी उनकी कंपनी के अंतर्गत कार्य करते हैं। इसलिए वही इन पर तत्काल रुप से कोई कार्यवाही करें। अधिशासी अधिकारी अरविंद सिंह ने अपने पत्र में मेसर्स प्राइम वन वर्कफोर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से निवेदन किया है।कि इनका स्थानांतरित किया जाए। व साथ ही स्थानांतरण की जगह भी सुनिश्चित करके बताया जाए साथ ही अधिकारी ने कहा कि इन कर्मचारियों को कंपनी द्वारा एक आखरी चेतावनी पत्र भी दिया जाए। जिससे कि ऐसा कृत्य भविष्य में दोबारा ना करें और बिजली विभाग का किसी भी उपभोक्ता को इस तरह से विभाग के कर्मचारियों की वजह से परेशानी का सामना करना पड़े परंतु इतनी सख्त कार्रवाई होने के बाद भी उन्हें अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
यह कर्मचारी आज भी उसी क्षेत्र में अपने उसी पद पर काम कर रहे हैं। और वहां के उपभोक्ताओं ने हमसे बात करते हुए यह भी बताया कि आज भी चाहते हैं। कि उन कर्मचारियों का वहां से स्थानांतरण कर दिया जाए परंतु अधिशासी अधिकारी के निर्देशित किए जाने के बाद भी निचले स्तर के अधिकारी उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।