आजमगढ़ पुलिस व बिजली विभाग के खिलाफ लामबंद हुए मूर्ति पूजा कमेटी के लोग, लाइटिंग बंद कर व पंडाल के पट गिराकर कर जताया विरोध, किसी प्रकार से मान मनौव्वल कर कराया शांत

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आजमगढ़ : शहर कोतवाल और बिजली विभाग के रवैये से क्षुब्ध होकर पूजा समितियों ने बृहस्पतिवार को विरोध जताते हुए मूर्तियों के पट बंद कर दिए गए। वहीं सजावट में लगी रंग-बिरंगी झालरों व लाइटों को भी बंद कर दिया। सभी ने कोतवाल पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की। इन दिनों पूरे शहर में जगह-जगह मां दुर्गा की मूर्तियां लगाई गई हैं। पंडाल व आसपास के इलाकों को रंग-बिरंगी झालरों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। रात होने पर मानों तारे जमीं पर उतर आए हों।

वहीं बड़े-बड़े साउंड बाक्स लगाए गए हैं। पूजा समितियों का कहना है कि शुक्रवार को रामनवमी है। इसके बाद अगले दिन शनिवार को दशहरा का त्योहार है। इस दिन पूरे शहर में भव्य मेला लगता है। ऐसे में शहर कोतवाल चंद्रमौली पांडेय द्वारा पूजा पंडालों के पास पहुंचकर उन्हें बार-बार परेशान किया जा रहा है। पूजा समितियों का आरोप है कि कोतवाल द्वारा कहीं साउंड बाक्स हटाने तो कहीं लाइट को हटाने को कहा जा रहा है। इतना ही नहीं मुकदमा दर्ज करने की भी धमकी दी जा रही है।

जिससे क्षुब्ध होकर शहर के सदावर्ती, पुरानी कोतवाली, सीताराम, दलसिंगार, पूर्वी टोला, खत्री टोला, जालंधरी, मुकेरीगंज व आसिफगंज की पूजा समितियों द्वारा बृहस्पतिवार की शाम पंडाल में लगी मूर्तियों के पट बंद कर दिए गए। वहीं कुछ पूजा पंडालों में लाइटों तक को बंद कर दिया गया है। पूजा समितियों ने कोतवाल पर कार्रवाई करने की मांग की है। वही पूजा समितियां ने बिजली विभाग पर भी मनमानी का आरोप लगाया।

भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष हरिवंश मिश्रा का कहना है कि बिजली विभाग पंडाल की लाइट बंद करा रहा है एफआईआर की धमकी दे रहा है यह गलत है हम लोग इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों अपने वरिष्ठ नेताओं और माननीय मुख्यमंत्री तक करेंगे।

वहीं दुर्गा पूजा महासमिति के पदाधिकारी राधामोहन गोयल ने कहा कि जिस प्रकार से पुलिस और बिजली विभाग के द्वारा पंडालों पर जा कर धमकाया जा रहा है और वीडियो बना कर FIR करने की बात कही जा रही है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। रोड पर दुकान नहीं लगाने को कहा जा रहा है। बंधुआ गुलाम समझा जा रहा है। मूर्ति कमेटियों के विरोध की जानकारी होते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इसके बाद पूजा समिति के लोगों से बातचीत शुरू हुई। अधिकारियों के भरोसा देने के साथ ही सहयोग की अपील की गई। इसके बाद मामला शांत हुआ।

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