आजमगढ़ में पहली बार साहित्य महोत्सव का हुआ शुभारंभ,साहित्य समाज का दर्पण जिसे निरन्तर चमकने के लिए ऐसे महोत्सव आवश्यक-जिलाधकारी

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आज़मगढ़ में जिलाधकारी महोदय की प्रेरणा से पहली बार साहित्य महोत्सव का हुआ आगाज़ जिलाधकारी के दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर सी डी ओ,एस डी एम सदर व अन्य प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों के साथ महोत्सव के नोडल अधिकारी ए डी एम (वित्त एवं राजस्व) ने जिलाधिकारी के साथ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया। श्री भवानन्द संस्कृत महाविद्यालय पुनर्जी की छात्राओं ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत की सुंदर प्रस्तुति दी। अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी ने कहा कि आज़मगढ़ की भूमि साहित्य की दृष्टि से उर्वरा भूमि रही है, यहां के साहित्यकारों ने न केवल देश में बल्कि विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।

यह आयोजन उसी साहित्यिक विरासत को नमन करने, संजोने, और उसी परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए नवोदित साहित्यकारों को मंच देने के लिए याद किया जाएगा और यह परम्परा आगे भी जीवित रखी जायेगी। उद्घाटन सत्र में जनपद के प्रमुख साहित्यकारों और साहित्य की सेवा में रत रहने वाले लोगों को जिलाधिकारी महोदय द्वारा सम्मानित किया गया।आये हुए साहित्यकारों ने फिर अपने अपने स्थान अपना परिचय प्रस्तुत किया।

आपको बता दे की उद्धघाटन सत्र में पहुँचे जनपद के निवासी न्यूज़ 24 के वरिष्ठ संवाददाता राजीव रंजन सिंह को नोडल अधिकारी ए डी एम वित्त/राजस्व ने सम्मानित किया। राजीव रंजन ने कहा कि आज़मगढ़ एक नई शुरुआत के लिए तैयार है आज के डिजिटल युग संवाद और साहित्य को ज़िंदा रखने के लिए ऐसे महोत्सव जनपद की ऊर्जा का स्तर बनाएं रखेंगे।कथारंग की टीम के द्वारा स्टोरी टेलिंग के माध्यम से समीचीन विषयों पर दो समसामयिक प्रस्तुतियां पेश की गई जिसके दर्शको ने खूब सराहा।

नोडल अधिकारी आज़ाद भगत सिंह ने कहा कि सफल उद्घाटन के बाद अगले दो दिनों तक 24 और 25 फरवरी को भी महोत्सव की ऊर्जा को बनाये रखा जाएगा तथा साहित्य और समाज के सम्बंध को बनाये रखा जाएगा। कार्यक्रम का सम्मिलित संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी सुनील दत्त विश्वकर्मा, डॉ0 प्रवेश कुमार सिंह,विजयेंद्र सिंह तथा डॉ0 मोनिका ने किया ।

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